हरियाणा में बनेगा एग्रोवेस्ट बॉयोगैस प्लांट, अब दिल्ली में नहीं फैलेगा जहरीला ‘स्मॉग’
हिसार: आज वर्ल्ड बॉयोफयूल डे है और इस मौके पर हम आपको हरियाणा के हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बनाए जा रहे अनोखे एग्रोवेस्ट बॉयोगैस प्लांट के बारे में बताएंगे. प्लांट के बारे में कहा जा रहा है कि यह भारत में पहला ऐसा प्लांट है, जो किसानों की हर समस्या का समाधान तो करेगा ही साथ ही उन्हें आर्थिक रूप से समृद्धिशाली भी बनाएगा.
क्या है इस प्लांट की खासियत
देश के पहले अनोखे एग्रोवेस्ट बॉयोगैस प्लांट में गोबर के साथ-साथ पराली, गेहूं के फाने, कपास की लकड़ियां और सूखे पत्तों से सीएनजी बॉयोगैस बनेगी. इसस ट्रैक्टर और गाड़ियां में ईंधन के तौर पर प्रयोग किया जाएगा.
फसल निकलने के बाद बेकार के बचे पदार्थों मसलन धान के बाद पराली, गेहूं के बाद फाने, कपास के बाद लकड़ियां आदि किसानों के लिए आफत बन जाते हैं. ऐसे में अक्सर आपने किसानों को इन अपशिष्ट पदार्थो को जलाते देखा होगा. लेकिन आने वाले समय में किसानों को इन पदार्थो का ना सिर्फ पैसा मिलेगा, बल्कि किसान इन बेकार समझे जाने वाले पदार्थो के जरिए ही खुद के साधन मसलन ट्रैक्टर, चक्की, ट्यूबवेल इत्यादि को खुद की बनाई ही एनर्जी से चला पाएगा. यह बात सौ फीसदी सच है. दरअसल, हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफेसर केपी सिंह एक खास बॉयोगैस प्लांट को लगवा रहे है.