आरसीईपी समझौता संधि का विरोध

पलवल, 11 अक्टूबर। स्वदेशी जागरण मंच की टीम ने प्रांत संघर्ष वाहिनी प्रमुख अजित तेवतिया की अध्यक्षता में (आरसीईपी) समझौता संधि के खिलाफ नगराधीश आशिमा सांगवान को प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने के बाद अजीत तेवतिया ने बताया कि रीजनल कप्रिहेसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) विश्व व्यापार संगठन समझौते के बाद दुनिया का सबसे बड़ा मुक्त व्यापार समझौता हो जाएगा। जिसमें सोलह देश शामिल है। इनमें दस आसियान देश है। इस संदर्भ में 24 वार्ताओं का दौर हो चुका है। इसका उद्देश्य मैन्युफैक्चरिंग वस्तुओं, कृषि पदार्थों एवं डेयरी उत्पादों पर आयात शुल्कों को घटाकर शुन्य करना है। उन्होंने कहा कि यह समझौता भारत के लिए एक बड़ा खतरा है। क्योंकि हमारा आधा व्यापार घाटा केवल चीन के कारण है, यह भारत के मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ की संभावनाओं के लिए खतरा है। इसलिए स्वदेशी जागरण मंच इस समझौते का पूर्ण विरोध करता है और इस संधर्भ में चीन के राष्ट्रपति भारत आ रहे हैं तो मंच उनका विरोध करते हुए, चेतावनी देता हैं कि अगर ये समझौता हुआ तो मंच आंदोलन करेगा। ज्ञापन सौंपने वालों में स्वदेशी जागरण मंच के नरेंद्र अलावलपुर, अनिल, छविकांत गौतम, बिट्टू, पहलाद पांचाल व भंवर सिंह सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।