पशुओं को मुहखुर व गलघोटू टीके लगाने का अभियान शुरू
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पलवल, 2 अक्टूबर। पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग की उपनिदेशक डॉ. नीलम आर्य ने बताया कि जिला में दो अक्टूबर से पशुओं को मुहखुर व गलघोटू कासंयुक्त टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले यह टीका पशुओं को मूहखुर व गलघोटू बिमारी से रोकथाम के लिए अलग-2 लगाया जाता था। लेकिन इस द्वितीय चरण अभियान के दौरान पशुओं में इन दोनों बिमारियों से बचाव के लिए एक ही टीके का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से टीकाकरण के लिए 27 टीमों का गठन किया गया है, जोकि घर-घर जाकर पशुओं का टीकाकरण करेंगे। संबंधित क्षेत्र के पशुचिकित्सक प्रत्येक टीम का नेतृत्व करेंगे तथा उपमंडल अधिकारी सभी टीमों का निरिक्षण करेंगे।
डॉ. आर्य ने बताया कि प्रथम चरण में जिले के लगभग दो लाख 25 हजार पशुओं का टीकाकरण किया गया तथा इसमें पशुपालकों का सहयोग भी सराहनीय रहा। उन्होंने पशुपालकों से आह्वान किया है कि सभी पशुपालक अपने प्रत्येक पशुओं को यह टीका अवश्य लगवाएं तथा पशुओं को इन बिमारियों से बचाएं। इस अभियान को सफल बनाने के लिए विभाग का प्रयास रहेगा कि एक भी पशु बिना टीकाकरण न रहे। उन्होंने बताया कि इन दोनो ही बिमारियों में पशुपालक को नुकसान झेलना पडता है क्योंकि या तो बिमारी से ग्रशित पशु मर जाता है या दूध देना बंद कर देता है। कई पशुपालको में भ्रमति है कि टीकाकरण से दूध घटता है या गर्भपात होता है, जबकि यह बात वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सही नही है। कई बार पशु को थोडा बहुत बुखार की शिकायत हो सकती है या टीके वाली जगह पर गांठ बन सकती है, लेकिन नुकसान वाली कोई बात नहीं होती।