प्रत्याशियों के खर्च पर रखे कडी नजर:- चुनाव खर्च पर्यवेक्षक जेके बारोटा

नूंह 28 सिंतबर :- भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त चुनाव खर्च पर्यवेक्षक जेके बारोटा ने शनिवार को विधानसभा चुनाव के सम्बध में चुनाव खर्च का ब्यौरा रखने के लिए गठित टीमों (फैलाईग स्कूयरड, वीएसटी, वीवीटी, एसएसटी, अकाउंटिंग) की बैठक ली तथा उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने टीमों को सम्बोधित करते हुए कहा कि चुनाव का कार्य बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है। इस कार्य में लगी सभी टीमें अपने मधुर व्यवहार के साथ चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशानुसार अपना कार्य करें। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों का चुनाव पर खर्च की जाने वाली राशि का विवरण खर्च रजिस्टर में दर्ज करना अनिवार्य होता है। प्रत्याशियों के साथ खर्च निगराणी टीम द्वारा प्रत्याशियों के खर्च का विवरण शैडो रजिस्टर में दर्ज किया जाता है। प्रत्याशियों के खर्च का मिलान शैडो रजिस्टर से करवाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि प्रत्याशियों के खर्च पर कड़ी नजर रखने के लिए टीमें प्रति दिन मुस्तैदी से कार्य करें और अपने रिकोर्ड को अपडेट रखे। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार के लिए 28 लाख रुपए खर्च की सीमा निर्धारित की हुई है। उन्होंने कहा कि हमें प्रत्याशियों की हर गतिविधियों पर नजर रखनी है और उनके द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान किए जाने वाले प्रत्येक खर्च का विवरण जुटाना है। रैली स्थान पर आने वाले प्रत्येक वाहन,टैन्ट का समान, खाने पीने की सामग्री सहित प्रत्येक वस्तु का खर्च उम्मीदवार के खाते में जोडा जाएगा। उप-जिला निर्वाचन अधिकारी गजेन्द्र सिंह ने बताया कि जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा-127 (ए) में प्रावधान है कि किसी भी पोस्टर, पम्पलेट, हैंडबिल या लीफलेट पर प्रिंटिंग पै्रस के मालिक का नाम, पता व प्रिंट की गई प्रतियों की संख्या लिखना जरूरी है। यह उम्मीदवार के खर्च में जुड़ेगा और प्रिंटिंग मैटिरियल प्रिंट करने से पहले सम्बंधित रिटर्निंग अधिकारी से लिखित में अनुमति लेनी होगी। उम्मीदवार जनसभा करने से पहले उसकी अनुमति भी आर.ओ से लेगा। इसके लिए आर.ओ. राजनीतिक दलो के प्रतिनिधियों को जनसभा में प्रयुक्त लाउड स्पीकर, कुर्सियां, टैंट इत्यादि के रेट देंगे। उन्होने बताया कि चुनाव में खर्च का हिसाब बहुत ही महत्वपूर्ण है जो खर्चा किया है वह ठीक है या नही उसका मिलान भी किया जाना जरुरी है। उन्होंने बताया कि कोई भी उम्मीदावार किसी पार्टी को वोट देने या न देने के लिए कोई भी प्रलोबन देता है तो वह रिश्वत की श्रेणी में आता है। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग द्वारा पटका, टोपी को इससे मुक्त रखा है, लेकिन साड़ी, टी-शर्ट इत्यदि रिश्वत की श्रेणी में आते है। उन्होंने स्टैटिक सर्विलियंस टीमों से कहा कि वे मुख्य सडक़ों पर बैरियल, नाका लागाकर कार्य करें, यदि कोई गाड़ी बैरिगेट पर नही रुकती है तो आगे कार्यरत पुलिस को सुचित करें कि उसका गाड़ी को रुकवाया जाए। उन्होंने कहा कि यदि दस लाख से उपर का कैश पकडा जाता है तो आयकर विभाग को उसकी कार्यवाही के लिए सूचित करें। एसडीएम तावडू़ सतीश यादव ने बताया कि कोई भी उम्मीदवार चुनाव प्रचार के दौरान अपने साथ 50 हजार से ज्यादा कैश नही ले जा सकता, स्टार प्रचारक के लिए इसकी सीमा एक लाख रूपये तक है। कम्पलेंट मॉनिटरिंग सेल पर शिकायतें दर्ज होंगी। उम्मीदवार या स्टार प्रचारक के काफिले में एक समय में 10 से अधिक प्रचार वाहन नही होने चाहिए। अगर कोई उम्मीदवार विडियो वैन से प्रचार करना चाहता है तो उसकी अनुमति राज्य निर्वाचन अधिकारी से लेनी पड़ेेगी। उन्होंने कहा कि शिकायत चाहे सिविजल से प्राप्त हो या शिकायत कक्ष से टीम तुरंत वहां पुहचकर कार्यवाही करें। इस बैठक में रिर्टनिग अधिकारी फिरोजपुर-झिरका विवेक पदम सिंह, रिर्टनिग अधिकारी पुन्हाना जितेन्द्र गर्ग, रिर्टनिग अधिकारी नूंह प्रदीप अहलावत, डीएसपी अनील कुमार, नायब तहसीलदार चुनाव जयकिशन, उप-आबकारी एवं कराधान आयुक्त दीपका चौधरी, सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहें।