चुनाव आयोग ने प्रचार में प्लास्टिक के बैनर, पोस्टर प्रयोग न करने का किया अनुरोध-जिला निर्वाचन  अधिकारी

नूंह 26 सिंतबर :- विधानसभा चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण ढंग से कराने के लिए प्रशासन ने चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों की हर गतिविधियों पर नजर रखने की तैयारी कर ली है। जिला निर्वाचन अधिकारी पंकज ने बताया कि चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनावों में चुनाव प्रचार के दौरान प्लास्टिक के बैनर, पोस्टर, होर्डिंग और कटआउट न लगाने का अनुरोध किया है। आयोग ने कहा है कि जो उम्मीदवार इसका प्रयोग करते पाया गया तो उससे इस कचरे के निपटान का खर्च उसी से वसूला जाएगा। आयोग ने कहा है कि चुनाव को पर्यावरण अनुकूल बनाने की जरूरत है। चुनाव के दौरान किसी भी ऐसी वस्तु का प्रयोग ना करे जो पर्यावरण हितैषी ना हो। प्लास्टिक के बैनर और प्रचार सामग्री चुनाव के बाद जिस तरह से सडक़ों पर पड़ी रहती है वह पर्यावरण के खिलाफ है और लोगों की सेहत पर इसका बुरा असर पड़ता है। यह प्लास्टिक पीवीसी की बनी होती है जो जलाने पर खतरनाक धुआं हवा में फैलाती है। आयोग ने कहा है कि प्रचार सामग्री के लिए कंपाजिट प्लास्टिक, रिसाइकिल्ड पेपर, प्राकृतिक फेब्रिक का इस्तेमाल किया जा सकता है, जो कम प्रदूषण फैलाते हैं। आयोग ने कहा है कि जो भी उम्मीदवार, राजनैतिक दल इस नियम की पालना नहीं करेगा तो प्लास्टिक और ठोस कचरा निष्पादन रूल, 2016 के तहत इसके निष्पादन में आने वाला खर्च सम्बंधित उम्मीदवार/ पार्टी से वसूला जाएगा तथा यह चुनावी खर्चे में भी जोड़ा जाएगा। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्लास्टिक से पर्यावरण को होने वाले नुकसानों के तथ्य किसी से छिपे नहीं है। चुनाव आयोग ने इस पर रोक लगाकर एक आदर्श प्रस्तुत  किया है। चुनाव आयोग चुनाव प्रक्रिया के हर नियम-कायदे को तय करना है और उसके हर आदेश को मानना सभी राजनीतिक दलों के लिए जरूरी/ बाध्य होता है। इसी तरह प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और संबंधित महकमों की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि प्लास्टिक से तैयार इन सामग्रियों और इनसे होने वाले पर्यावरण के नुकसानों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं। उन्होंने बताया कि उक्त प्लास्टिक के कचरे से नालियों अवरुद्ध होती है, इसलिए चुनाव आयोग के निर्देशों की पालना करते हुए चुनाव में प्लास्टिक सामग्री का चुनाव प्रचार में प्रयोग ना करें।