कर्मयोगी स्व: मुखी भीमसैन प्रभाकर की 9वीं पुण्यतिथि पर दी गई श्रद्धांजलि

फरीदाबाद। विदित है की फरीदाबाद में पत्रकारिता के शुरुआती दौर के पत्रकारों की फहरिस्त में नजऱ दौड़ते है तो एक नाम जो सामने उभरकर आता है। वह कर्मयोगी स्व: मुखी भीमसैन प्रभाकर का है। श्री प्रभाकर ने पत्रकारिता की एक लम्बी पारी की शुरूआत सन् 1961 में भारत दर्शन नाम के अपने अखबार से की थी जो आज भी जारी है। उनके जीवन काल की विभिन्न उपलब्धियां  रही। लेकिन उनकी पहचान एक बेबाक, निर्भीक, निष्पक्ष पत्रकार के रूप में कही जाये तो गलत ना होगा। आज 18 सितम्बर 2019 को उनकी 9वीं पुण्यतिथि के अवसर पर स्थानीय अनेक पत्रकारों ने मिलकर उस दिवंगत निर्भीक पत्रकार को याद किया और उनकी चित्र पर सुमन व फूल माला अर्पित की और उनकी स्मृति में उनके जेष्ठ पुत्र मुखी दीपक ने एक प्रतिभोज का आयोजन किया। इस मौके पर पत्रकारों के आलावा अन्यों लोगों ने भी प्रसाद ग्रहण किया। अंत में सभी ने उन्हें याद करते हुए प्राण लिया की उन्हें भी भविष्य में निर्भीक, निष्पक्ष पत्रकारिता करनी चाहिए। यह सत्य है कि कोई भी मनुष्य अथवा महापुरूष जीवन-मृत्यु के चक्र तोड़ नहीं सका और न ही ये मुमकिन है फिर भी मनुष्य की जीते जी अपने-अपने कार्य क्षेत्र में सक्रियता उसे जीवन के साथ व जीवन के साथ भी जिन्दा रखती है। यह अलग बात है कि मनुष्य मरने के बाद समय की गति के साथ नहीं चल पाता और समय उसे पीछे छौड़ जाता है जिसे हम वक्त की परछाईयां कहते हैं। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार जे.बी. शर्मा, सुरेश गौतम, के.एल. गौतम, योगेश गौतम (रॉकी), पंकज अरोड़ा, दीपक शर्मा, नवाब रजाखान, के.के . त्रिपाठी, जतिन ठुकराल, गगनदीप (रिंकू) सन्नी भाटिया, स्वदेश, सुनीता अरोड़ा और अन्य लोग मौजूद रहे।