चंद्रयान-2 ऑर्बिटर, विक्रम और प्रज्ञान | ये तिकड़ी साथ मिलकर चांद के रहस्य से उठाएगी पर्दा
नई दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 22 जुलाई को चांद पर शोध के लिए चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया था. चंद्रयान-2 मिशन के तहत आज देर रात विक्रम लैंडर चांद पर उतरने जा रहा है. उसके साथ ही प्रज्ञान नामक रोवर भी चांद पर उतरेगा. जबकि चंद्रयान-2 ऑर्बिटर चांद की कक्षा पर मौजूद रहेगा. ये तिकड़ी मिलकर चांद के रहस्यों से पर्दा उठाएगी. ऑर्बिटर, विक्रम और प्रज्ञान बेहद खास हैं. इनमें शोध के लिए अत्याधुनिक और शक्तिशाली उपकरण लगे हैं.
6 टायरों वाला प्रज्ञान रोवर भी है खास
चंद्रयान-2 मिशन के तहत चांद पर उतरने वाले लैंडर विक्रम के साथ ही वहां प्रज्ञान रोवर भी उतरेगा. प्रज्ञान रोवर एक तरह का रोबोटिक यान है. जो चांद की सतह पर चलकर वहां शोध करेगा. इसका वजन 27 किलोग्राम है. यह 0.9*0.75*0.85 मीटर बड़ा है. इसमें छह टायर लगे हैं जो चांद की उबड़खाबड़ सतह पर आराम से चलकर विभिन्न शोध कर सकेंगे.
यह चांद की सतह पर 500 मीटर तक 1 सेंटीमीटर प्रति सेकंड कर रफ्तार से सफर कर सकता है. यह अपनी ऊर्जा सूर्य से प्राप्त करेगा. साथ ही यह लैंडर विक्रम से संपर्क में रहेगा. यह चांद की सतह पर 14 दिनों तक शोध करेगा.
2 विशेष उपकरण हैं प्रज्ञान के पास
रोबोटिक शोध यान (रोवर) प्रज्ञान के पास दो विशेष उपकरण रहेंगे. रोवर प्रज्ञान अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्टोमीटर के जरिये लैंडिंग साइट के पास में चांद की सतह पर मौजूद वातावरणीय तत्वों के निर्माण संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए शोध करेगा. इसके अलावा लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप के जरिये भी प्रज्ञान सतह पर मौजूद तत्वों पर शोध करेगा.