आखिर “कृष्ण मोहन” दूसरे दिन भी क्यों बैठे रहे “आमरण अनशन” पर,क्या उन्हें “न्याय” मिला,पढ़ें पूरी रिपोर्ट*
*आखिर “कृष्ण मोहन” दूसरे दिन भी क्यों बैठे रहे “आमरण अनशन” पर,क्या उन्हें “न्याय” मिला,पढ़ें पूरी रिपोर्ट*
संवाददाता-विवेक चौबे
Jharkhand/गढ़वा : मातृ भूमि संदेश।एक ऐसा कानून जो खूब डरा रहा है।आपने हरिजन एक्ट का नाम तो सुना ही होगा।जी हाँ,खबर कुछ इस प्रकार की ही है।वह डर इतना सता रहा है की आमरण अनशन पर भी बैठने के लिए मजबूर कर दिया।बता दें की कांडी अंचल कार्यालय के सामने दूसरे दिन भी कृष्ण मोहन दुबे अनशन पर ही बैठे रहे। उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता जा रहा है।बेटे के समर्थन में माँ- निर्मला कुंवर भी अनसन पर बैठ गयी।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. सत्यप्रकाश सिन्हा ने मंगलवार की सुबह 11 बजे अनशनकारी का स्वास्थ्य जांच किया,जिसमें रक्तचाप110/80 तथा पल्स रेट 62 पाया गया। 2:30 बजे दूसरी जांच में रक्तचाप 110/70 व पल्स रेट 60 पाया गया। चोका गांव निवासी- कृष्ण मोहन दुबे अपनी रैयती जमीन पर से अवैध कब्जा हटाने के लिए 2015 से विभिन्न पदाधिकारियों का दरवाजा खटखटाते रहे हैं।अनशन कर्ता ने बताया की रामरूप पासवान उर्फ़ आदर पासवान ने मेरे रैयती जमीन खाता संख्या-70,प्लॉट संख्या-135 में 10.1/2डिसमिल जमीन है,जिसमें से 01/2 डिसमिल जमीन आदर पासवान ने जबरदस्ती कब्ज़ा कर लिया है।अनशन कर्ता ने बताया की विपक्षी-रामरूप उर्फ़ आदर मुझे हत्या करने,हरिजन एक्ट व बलात्कार के झूठे केश में फ़साने की भी धमकी दे रहा है।डीसी,एसडीओ,सीओ,एसपी को आवेदन देकर गुहार भी लगाया।कहीं से कोई न्याय नहीं मिला ।न्याय नही मिलने पर अंत में श्री दुबे सोमवार को 10 बजे दिन से ही अंचल कार्यालय के समक्ष आमरण अनशन पर बैठे हैं। अनशनकारी कृष्ण मोहन दुबे ने बताया कि मंगलवार दिन के लगभग एक बजे सीओ राकेश सहाय द्वारा अनशन समाप्त करने के लिए दबाव बनाया गया। साथ ही मेरे साथ असंवैधानिक भाषा यानि गाली गलौज का भी प्रयोग किया गया।कहा गया कि कोई तेरा साथ नही देगा।यहां से हटो वर्ना पुलिस प्रशासन को बुलाकर बाहर फेकवा देंगे।सीओ के इस असंवैधानिक भाषा के प्रयोग से उपस्थित लोगों में भी काफी आक्रोश देखा गया।
इधर मामले को सलटाने के लिए सीओ-राकेश सहाय व राजस्व कर्मचारी-राजेश त्रिपाठी पुलिस प्रशासन के साथ विवादित स्थल पर पहुंचे,किन्तु वहां उपस्थित लोगों ने कहा कि यदि कोई कारवाई की गई तो वे जेसीबी के नीचे अपना जान दे देंगे,लेकिन जमीन पर जेसीबी नही चलाने देंगे।इधर बेटे के अनशन पर बैठने से व्याकुल 55 वर्षीय माता- निर्मला कुंवर भी मंगलवार की शाम 5 बजे से आमरण अनशन पर बैठ गई। भावुक होते हुए निर्मला कुंवर ने कहा कि जब मेरा बेटा दो दिनों से बिना अन्न-जल ग्रहण किये न्याय के लिए बैठा है तो मैं कैसे अन्न-जल ग्रहण कर सकती हूं।
अनशनकारी के बड़े भाई दिव्यांग आनंद मोहन दुबे ने कहा कि विवादित स्थल पर पहुंची पुलिस प्रशासन द्वारा खर्चा-पानी के लिए पैसे की मांग की गई।
इस संबंध में सीओ-राकेश सहाय ने बताया कि मैं अनशनकारी कृष्ण मोहन दुबे के साथ कोई दुर्व्यवहार नही किया हूं।मेरे उपर लगाये आरोप बिल्कुल निराधार है।