क्या असम की बाढ़ प्राकृतिक नहीं,एक साज़िश है ?
बड़ा खुलासा: “कुछ दिन पहले असम में जिस बाँध के टूटने से 2 लाख लोग हुए बेघर, वो टूटा नहीं, बल्कि तोड़ा गया था।”
सिलचर।बी डी कौशिक मुख्य संपादक मातृभूमि संदेश न्यूज नेटवर्क।
असम पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया है कि कछार जिले में बराक नदी पर बनाया गया बांध टूटा नहीं था, बल्कि इसे तोड़ा गया था।
सिलचर शहर की बाढ़ प्राकृतिक आपदा नहीं है। साजिश के चलते ऐसा हुआ है। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है। छह लोगों ने बाँध को तोड़ने की साजिश रची थी।
पुलिस ने इस मामले में बेतुकांदी इलाके के निवासी “काबुल खान” नाम के व्यक्ति को अरेस्ट किया था। “काबुल खान” से पूछताछ में साजिश का खुलासा हुआ और इसके आधार पर पुलिस ने उसी इलाके के रहने वाले तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार, काबुल खान से पूछताछ के बाद गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम “मिठु हुसैन लश्कर”, “नाजिर हुसैन लश्कर” और “रिपन खान” है।
एसपी रमनदीप कौर ने बताया है कि बेतुकांदी बांध साजिश के तहत काटा गया। इस कारण बराक नदी का पानी बहुत तेजी से सिलचर में घुसा और देखते ही देखते पूरा इलाका जलमग्न हो गया। बाढ़ के चलते सिलचर शहर की दो लाख से ज्यादा आबादी बेघर हो गई है। अब तक 179 मौतें हो चुकी है।
पुलिस अब ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन अपराधियों (जिहादियों) ने बाँध तोड़ा क्यों ? इसके पीछे इनका मकसद क्या था ?
सिलचर में 86% हिंदू आबादी रहती है, ज्यादा से ज्यादा काफिरों को मारकर 72 हूरे पाना ही मकसद रहा होगा और क्या।