जिला योजनाकार एवं इन्फोर्समेंट विभाग ने गांव मादलपुर में भारी तोड़ फोड़ की।
फरीदाबाद 13 अगस्त।बी डी कौशिक मुख्य संपादक मातृभूमि संदेश न्यूज।
आज वीरवार को जिला नगर योजनाकार, ईन्फोर्समैन्ट, फरीदाबाद की टीम द्वारा गाँव मादलपुर की राजस्व सम्पदा में 4 अवैध कालोनियां जो कि लगभग 15 एकड भूमि पर विकसित की जा रही थीं, उसमे जिला प्रशासन की मदद से तोडफोड की कार्यवाही अमल में लाई गई। तोडफोड की कार्यवाही के दौरान अवैध कालोनियेां में बनाये गये रोड़ नेटवर्क के अलावा 12 रिहायषी निर्माण, 2 डीलर आफिस व 50 डीपीसी/बाउंड्रीवाल में तोडफोड की कार्यवाही की गई। विभाग द्वारा आजकल भू-माफियाओं के खिलाफ एक अभियान चलाया हुआ है। जिससे सामान्य जनता में एक संदेश जा रहा है कि अवैध कालोनियों में प्लाॅट खरीदना कितना नुकसानदायक साबित हो सकता है। विभाग द्वारा लगातार अभियान चलाकर शहर मे पनप रहीं अवैध कालोनियों व निर्माणों को शुरूआती दौर में ध्वस्त किया जा रहा है। यह कार्यवाही शहरी क्षेत्र व नियंत्रित क्षेत्र अधिनियम के तहत की गई है। तोडफोड की कार्यवाही के दौरान नरेश कुमार, जिला नगर योजनाकार-कम-ड्यूटि मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त थाना अध्यक्ष धौज श्री सतप्रकाश सहित पुलिस बल मौजूद थे।
तोडफोड की इस कार्यवाही के दौरान जिला नगर योजनाकार, ईन्फोर्समैन्ट एण्ड विजीलेंस, फरीदाबाद नरेश कुमार द्वारा बताया गया कि पिछले महीने 15 तोडफोड के प्रोग्राम अमल में लाये गये थे। जिसमें बड़ी संख्या में रिहायशी निर्माण, औद्योगिक निर्माण, कमर्शियल निर्माण व अवैध कालोनियों में बनाये गये रोड नेटवर्क को तोड़ा गया था। इस महीन में भी काफी संख्या में तोडफोड प्रोग्राम बनाये गये हैं। विभाग द्वारा की जा रही तोडफोड में और सख्ती बरती जायेगी ताकि अवैध कालोनी काटने व उसमें निर्माण करने वाले मंसूबे पूरे न हो सकें और समय रहते पनप रहे अवैध निर्माण को तोड़ा जा सके। यहाँ यह भी बताया जाता है कि सभी अवैघ कालेानियों में जन साधारण को जागरूक करने के लिए चेतावनी बोर्ड भी लगाये जा चुके हैं।
उन्होंने आम जनता से अनुरोध किया कि अवैध काॅलोनियेां में भू माफियाओं के बहकावे में आकर प्लाॅट ना खरीदें व अपनी मेहनत की कमाई को बरबाद ना होने दें क्योंकि अवैध कालोनी में सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं दी जाती है। कोई भी अवैध कालोनी/निर्माण करने से पहले सरकार से नियमानुसार अनुमति लें। अवैध कालोनी/निर्माण को किसी भी समय अधिनियम के प्रावधान में गिराया जा सकता है।